डॉ कुसुम मेघवाल हम आपके साथ है !
डॉ कुसुम मेघवाल हम आपके साथ है दलित महिला लेखन की प्रमुख हस्ताक्षर डॉ कुसुम मेघवाल के लेखन से सदियों से समाज पर हावी सामंतशाही की चूलें हिली हुई है। असंवैधानिक सामंतवादी सेनाएं उनके खिलाफ पुरे देश में जहरीला माहौल बनाने में लगी हुई है। इन लोगों को डॉ कुसुम जी द्वारा बाबा रामदेव और महाराणा प्रताप के संबंध में लिखे गए शोधपूर्ण ग्रंथों पर आपत्ति है। ये लोग फोन पर धमकियाँ दे रहे है जान से मार देने और सबक सिखाने की। पुष्तक हो या फिल्में उनका सड़कों पर हिंसक विरोध करना कुछ समूहों की फितरत बन गया है । कानून को इन्होंने अपना क्रीतदास बना रखा है।आज भी इनको लगता है कि भारत में लोकशाही नहीं बल्कि राजशाही है। इसलिए इनकी दादागिरी चलेगी। इनका एक सवाल भी है कि आखिर तुम लोग ऐसा वैसा लिख कर चाहते क्या हो ? क्यों दलितों को मुर्ख बना रहे हो ? क्यों राजस्थान को बिहार की तरह जातीय संघर्ष में धकेल रहे हो ? मेरा इस तरह के लोगों से सिर्फ यही कहना है कि हम भारत के संविधान को लागू करना चाहते है।हम संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी का उपयोग करते हुए संवैधानिक दायरे में रहते ह