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Showing posts from April 23, 2017

डॉ कुसुम मेघवाल हम आपके साथ है !

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                         डॉ कुसुम मेघवाल हम आपके साथ है दलित महिला लेखन की प्रमुख हस्ताक्षर डॉ कुसुम मेघवाल के लेखन से सदियों से समाज पर हावी सामंतशाही की चूलें हिली हुई है। असंवैधानिक सामंतवादी सेनाएं उनके खिलाफ पुरे देश में जहरीला माहौल बनाने में लगी हुई है। इन लोगों को डॉ कुसुम जी द्वारा बाबा रामदेव और महाराणा प्रताप के संबंध में लिखे गए शोधपूर्ण ग्रंथों पर आपत्ति है। ये लोग फोन पर धमकियाँ दे रहे है जान से मार देने और सबक सिखाने की। पुष्तक हो या फिल्में उनका सड़कों पर हिंसक विरोध करना कुछ समूहों की फितरत बन गया है । कानून को इन्होंने अपना क्रीतदास बना रखा है।आज भी इनको लगता है कि भारत में लोकशाही नहीं बल्कि राजशाही है। इसलिए इनकी दादागिरी चलेगी। इनका एक सवाल भी है कि आखिर तुम लोग ऐसा वैसा लिख कर चाहते क्या हो ? क्यों दलितों को मुर्ख बना रहे हो ? क्यों राजस्थान को बिहार की तरह जातीय संघर्ष में धकेल रहे हो ? मेरा इस तरह के लोगों से सिर्फ यही कहना है कि हम भारत के संविधान को लागू करना चाहते है।हम संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी का उपयोग करते हुए संवैधानिक दायरे में रहते ह

मदन लाल को किसने मारा ?

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                                                                                             मदन लाल को किसने मारा ?   भीलवाड़ा जिले के करेड़ा थाना क्षेत्र के बड्डू गांव का मदन लाल बलाई बड़ी सादड़ी से बीएड कर रहा था। वह अपने गरीब परिवार का पहला बच्चा था जो उच्च शिक्षा के लिए बाहर निकला। इसी साल 9 मार्च को उसकी शादी तय थी। 4 मार्च को मदन के परिजन उसकी शादी के कार्ड प्रिंट करवा रहे थे ,तभी बेमाली चौराहे से उसका अपहरण हो गया। जिस दिन उसकी शादी तय थी,उस दिन उसका शव अपने घर से करीब 350 किलोमीटर दूर चंदवाजी शाहपुरा की पहाड़ियों में मिला। पुलिस के मुताबिक मदन ने अपने ही शर्ट से फांसी का फंदा बना कर आत्महत्या कर ली थी,जबकि घटनास्थल के साक्ष्य इसके विरोध में जाते है। जिस पेड़ से मदन लटकता पाया गया ,वह पेड़ की बहुत कमजोर डाल थी,जिस पर फांसी खा कर मरना अविश्वसनीय लगता है।मृतक की जेब से 3200 रूपये ,आधार कार्ड ,मोबाईल फोन आदि गायब पाये गए। मदन लाल के भाई सूरज मल और मूलचंद का कहना है कि अगर उसे आत्महत्या ही करनी थी तो गाँव के आस पास के पेड़ पर ही लटक जाता,उसके लिए जयपुर से आगे जाने की