Posts
Showing posts from April 19, 2017
एक संत के श्रीमुख से
- Get link
- Other Apps
भँवर मेघवंशी मेघवाल समाज को बर्बाद कर देगा - नानकदास ,बडी खाटू ( नागौर) डॉ गुलाब चंद जिंदल ,अजमेर द्वारा प्राप्त सन्देश के मुताबिक कबीर आश्रम बड़ी खाटू (नागौर) के संत नानकदास महाराज ने सोशल एक्टिविस्ट, पत्रकार, दलित चिंतक भँवर मेघवंशी को मेघवाल समाज को बर्बाद करने वाला बताया है। संत नानक दास ने भँवर मेघवंशी को " बिना नाथ का सांड " बताते हुए कहा है कि - " भँवर मेघवंशी और बाबा साहब (डॉ भीमराव आंबेडकर) की विचारधारा मेघवाल समाज को बर्बाद कर देगी। " महंत नानकदास ने राजस्थान के मेघवाल समाज को भँवर मेघवंशी के भाषणों से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा है कि यह व्यक्ति पूरा नास्तिक है, हमें ऐसे व्यक्ति की जरूरत नहीं है। संत नानक दास का मानना है कि नागौर की धरती साधू संतों की धरती है। मेरे जैसे संत महंतों की सेवा करने, चरणों में गिरने, आध्यात्म की शरण में जाने, भेंट चढाने, आशीर्वाद लेने से ही मेघवाल समाज का विकास होगा। बड़ी खाटू के आश्रम के इस महंत ने बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के लिए कहा है कि वो केवल कानून के जानकार थे, समाज का
कब सहिष्णु थे आप ?
- Get link
- Other Apps
कौन से युग ,किस सदी किस कालखंड में सहिष्णु थे आप ? देवासुर संग्राम के समय जब अमृत खुद चखा और विष छोड़ दिया उनके लिए जो ना थे तुमसे सहमत । दैत्य ,दानव ,असुर ,किन्नर यक्ष ,राक्षस , क्या क्या न कहा उनको वध ,मर्दन ,संहार क्या क्या न किया उनका । तब थे आप सहिष्णु जब मर्यादा पुरुषोत्तम ने काट लिया था शंबूक दलित का सिर ली थी पत्नि की चरित्र परीक्षा और फिर भी छोड़ दी गई गर्भवती सीता अकेली वन प्रान्तर में ! या तब जब द्रोण ने दक्षिणा में कटवा दिया था आदिवासी एकलव्य का अंगूठा फिर भी जी नहीं भरा तो योगीराज ने हर लिए थे एकलव्य के प्राण ? या तब जब जुए में दांव पर लगा दी गई थी पांच पांच पतियों की पत्नि द्रोपदी और टुकर टुकर देखते रहे पितामह ? या तब थे आप सहिष्णु जब ब्रह्मा ने बनाये थे वर्ण रच डाली थी ऊंच नीच भरी सृष्टि या तब जब विषमता के जनक ने लिखी थी,विषैली मनुस्मृति जिसने औरत को बना दिया सिर्फ भोग्या और शूद्रों को महज सेवक । या तब जब अछूत धकेल दिए गए थे गांव
क्रिकेट की भाषा में एक प्रेम गीत - ' यो जीवन है एक क्रिकेट ( राजकुमार ब...
- Get link
- Other Apps